Friday, February 11, 2011

लडकियो के आत्याचार

मेरे प्यारे भाइयो,दोस्तों मै जानता हू कि आप बहुत दुखी है आप टूट चुके है लेकिन  आप को दुखी होने  कि जरूरत  नहीं है क्योकि अब ऊपरवाले ने आप सबकी सुन ली है इसीलिए आप सबके  दुखो  के निवारण के लिए  अपना एक दूत भेजा है इस पूरे चराचर में विदमान माननीय,पूजनीय  श्री श्री अर्चित मिश्र जी जिन्होंने आप सभी के के कष्टों  को समझा है और उसके निवारण के लिए  अपने ब्रह्म हस्तो से लिखते हुआ आप सभी के लिए  एक मार्गदर्शक कि भांति कार्य करने का बीड़ा उठाया है उन्होंने साफ़ कर दिया है कि अब पुरुषो पर महिलाओ द्वारा  होने वाले अन्याय और अत्याचार को सहन नहीं किया जाएगा  और सभी को उनका हक़ दिलाया जायेगा
लड़की- एक ऐसी अनसुलझी पहेली जिसे ब्रह्मा से लेकर वाश्वमित्र तक कोई नहीं समझ सका आज दिन पर दिन इनके द्वारा प्रताड़ित किये  गए  पुरुषो कि संख्या लगातार बढती जा रही है जो इनसे बुरी तरह प्रताड़ित है उनमे  श्री सलमान खान जी का भी नाम शामिल है जो आज तक इस लड़की रुपी सदमे से  उबर नहीं पाए है इसिलिया उन्होंने अपनी फिल्म वांटेड  में कहा है कि कुत्ता पाल लेना लकिन लड़की का झाम मत पलना उन्होंने हमें जो मार्ग दिखाया है हमें उसपर चलना चाहिए अगर माननीय,पूज्यनीये श्री श्री अर्चित मिश्र जी की बातो को  माने तो लड़की एक चाइना के मोबाइल कि तरह है जिसकी कोई गायेरन्टी  नहीं होती वो कभी भी फट सकती है अतः इससे दूर रहने की जरूरत है अगर मोबाइल चलाना है तो ब्रांडेड होना चाहिए और उसकी रसीद आपके पास हो यानी आप  सामाजिक लाइसेन्स प्राप्त  कर अपनी खुशहाल जिंदगी को यमराज के हवाले कर दे इस दुनिया में अगर किसी ने कुछ हद तक इस अनसुलझी पहेली को सुलझाने की कोशिस  की है तो उनमे चंद नाम जहन में आते है जैसे- सक्ती कपूर,शेन वार्न,इमरान हाशमी आदि लडकियो से लडको को होने वाले नुक्सान निम्न प्रकार है-
१-मोबाइल का बिल 
२-समाये की बर्बादी 
३-नींद न आना
४-समाज में गिरी हुई नजरो से दखा जाना 
लड़की को अगर थोड़े दूसरे शब्दों में कहे तो वो एक कभी न समाप्त होने वाला समुद्र है जिसमे हम कभी भी रास्ता भटक  सकते है और समुद्री जीवो का शिकार हो सकते है आज तक कोई नहीं जान पाया की आखिर ये लडकिया  चाहती क्या  है  आज वो मिनी स्केर्ट,कैपरी,और भी तरह तरह के दार्सनिक कपडे  पहेनकर ,मेकप  करके सज  सवर कर चलती है और अगर किसी ने उनकी तारीफ कर दी तो उसे स्टुपिड,नोंसेंसे और भी अजीब अजीब तरह की भाषा का प्रयोग  करती है और अगर उनकी तारीफ न करो तो बिचारी पूरे दिन परेशान रहती है की आज मै अच्छी लग रही हू या नहीं आखिर ये चाहती क्या है इस पूरे चराचर में विदमान, माननीय पूज्यनीय  श्री श्री अर्चित मिश्र जी कहते है की दुनिया में भगवान की सबसे खूबसूरत रचना जो उसने बनाई है वो है लड़की लेकिन ऊपर वाले ने हम आम इंसानों को इतनी समझ नहीं दी की हम इन्हें समझ सके लड़की के सामने लड़का बिल्कुल उसी तरह है  जैसे माचिस की डिब्बी में तीली जब तक उसमे मसाला है तब तक सब कुछ ठीक है जैसे ही मसाला जला सब कुछ ख़त्म  हो जाता है और वो दूसरी माचिस जलाने लगती है अर्थात जब तक पैसा है तब तक सब कुछ ठीक है जैसा ही पैसा खत्म हुआ  सब कुछ ख़त्म हो जाता है 
ऐसा नहीं  की सभी लडकिया एक जैसी होती है लाखो में कुछ अच्छी  भी निकल जाती है जैसे माननीय श्री मल्लिका सेहरावत,कंगना रनावत जी हमें इनके गुरु श्री इमरान हाशमी जी की हमें  बहुत इज्जत करनी चाहिए जिन्होंने ऐसी होनहार शिस्याओ  को बनाया है अगर हिंदुस्तान में किसी ने प्यार करना सिखाया है तो वो हासमी जी ही है
इस पूरे चराचर में विदमान माननीय, पूज्यनीय श्री श्री अर्चित मिश्र जी कहते है कि  लड़की उस खटमल कि तरह है जो खून चूसने के लिए ही बनी है उसी तरह जब तक आप के पास खून रुपी धन है तब तक आपको चूसती ही रहेंगी इस पूरे चराचर में विदमान माननीय, पूज्यनीय  श्री श्री अर्चित मिश्र जी कहते है कि गलतिया इंसान से ही होती है   सभी लडकिया एक जैसी नहीं होती उन्होंने उनको सुधरने  का एक मौका दिया है उनका कहना है कि लडकिया दोहरे मापदंड न अपनाये  और दूसरो  कि भावनाओ का सम्मान करे और किसी का दिल न तोड़े और पश्चाताप करे इसके लिए  वो लडको के मोबाइल रीचार्ज कराये उन्हें घुमाने ले जाये अगर वो लडको कि बाइक से जाती है तो उसमे पेट्रोल दलाये हर हफ्ते एक पिक्चर दिखाए जिसका टिकेट व स्वयं ले और घर तक छोड़ने  जाये लकिन इस बात का ध्यान  रखे कि लड़के कि इज्जत समाज में न उछले लड़के को छोड़ते वक़्त जादू कि झप्पी देना  न भूले वरना आप के द्वारा किया गया सारा पुण्य व्यर्थ हो जाएगा इस पूरे चराचर में विदमान माननीय,पूज्यनीय  श्री श्री अर्चित मिश्र जी ने कहते  है कि लडकियो को आज लडको के प्रति भेद-भाव,छुआ-छूत जैसी खामिओ से परे हटकर व्यवहार करना चाहिए हमारे बाबू मोशाये यांनी राजेश खन्ना जी ने अपनी फिल्म कटी  पतंग में कहा है कि "कुछ तो लोग कहेंगे लोगो का काम है कहना छोड़ो बेकार  कि बातो में कही बीत न  जाये  रैना " लडकियो को इन पंक्तियो को ध्यान  में रखकर आगे बढ़ना चाहिए  अगर इस दुनिया में लड़की रुपी अनसुलझी पहेली को कोई सुलझा सकता है तो वो खुद लड़की ही है बस एक बार कोशिस करके दखने कि जरूरत है मै जानता हू कि ये इतना आसान नहीं  है लकिन विश्वास मानो तुम एक कदम बढाओ हम सभी लड़के आप के साथ है        
   

4 comments:

  1. पता नहीं अर्चित भाई आप क्यों लडकियों से आगे कुछ सोच ही नहीं पा रहे आस पास नजर घुमाव दुनिया में और भी बहुत सी बातिएँ है समझने के लिए अब नेव्तों को ही ले लो सेब गिरते देखा और पूरी ठोरी लिख डाली अपने दिमाग को सही दिशा दो भाई ........

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  2. सौमित्र ने मेरी बात कह ही दी है अगर ये व्यंग्य भी है तो स्तरीय नहीं है अर्चित दोस्त किसी भी लेखक के विचार उसकी मानसिकता को बताते हैं और मानसिकता घर परिवार और शिक्षा से बनती है कृपया थोडा सोचे तब लिखें

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  3. sir jaroor aur saumitra tumne meri aakhe khol di tantion mat lo yaar mai samajh sakta hu

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  4. architji jaki rahi bhawna jaisi ladki moorat tinh dekhi taisi

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