Wednesday, February 23, 2011

आज के मुख्य समाचार मनहूस मिश्रा की जुबानी

नमस्कार हम बकवास वाड़ी के खुफिया केंद्र से बोल रहे है रात के साढ़े बारह बजे है और अब आप महा मनहूस मिश्रा से रात के समाचार सुनिए-
आज सुबह पत्रकारिता विभाग के अन्दर एक नौजवान छोकरे मनीष को समझाते हुए  कॉलेज  वालो ने कहा की बेटा अब तुम बड़े हो गए हो लडकियों की ताका  झाकी बंद करो और जिस लड़की को देखो उसे अपनी माँ समझो इससे तुम्हारा कैरेक्टर सुधर जायेगा तभी मनीष ने जवाब दिया की इससे मेरा कैरेक्टर तो सुधर जायेगा पर हर लड़की को अपनी माँ समझूंगा तो मेरा पिता जी का कैरेक्टर बिगड़ जायेगा 
वही लिविव की तोताराम कैंटीन में बैठी पराठे वाली गली की  खूंखार पंखुड़ी  के गाल पर एक मच्छर आकर   बैठ गया उसने उसे इतनी जोर से मारा कि   कैंटीन में विस्फोट हो गया और वहा बैठे 35 आदमी घायल और 25 आदमियों कि म्रत्यु हो गई मच्छर   की कमर कि हड्डी टूट  गई  जिसे तुरंत PGI  में भर्ती करा दिया गया वही  पास में बैठ कर चाय पी रही अनुभा ये नजारा देखकर  चाय के प्याले में घुस गई उसे निकलने  की कोशिस की जा रही है उसका कहना है कि चल्लू  भर पानी से अच्छा  चुल्लू भर चाय का प्याला है क्योकि जिंदगी का मजा तो मीठे में है 
वही बेवकूफिस्तान  के सहंसाह श्री अर्चित मिश्रा का आज दोपहर साढ़े एक बजे निधन हो गया उनके  इस देहांत  पर देश  और विदेश से बधाई सन्देश प्राप्त हो रहे है अनुमान है की अगले 12 घंटो के बाद उनके  3 दिन के अकड़े हुए  सरीर  को पूरे राजकीय अपमान के साथ कुकरैल के नाले में प्रवाहित कर दिया जाएगा 
वही आज मायावती के घर आग लग जाने से मायावती छत पर चढ़ गई  फायर ब्रिगेड   के लगातार 45 घंटे पेट्रोल   छिड़कने के बाद आग पर काबू पाया गया सूत्रों के अनुसार बताया  जा रहा  है की इससे सतीश मिश्रा को करोड़ो का फायदा हुआ है आग से बचने के बाद मायावती सीधे रिक्शा करके काशीराम इस्मारक  चली गई  
वही लखनऊ के समशान घाट पर काम करने वाला सौमित्र जो वहा डोंग का काम करता है आज मिट्टी जलाते वक़्त मुर्दा उठकर खड़ा हो गया और सौमित्र और 50 कुंटल लकड़ी लेकर फरार हो गया पुलिस को उसकी तलाश है जिस किसी सज्जन को वो मुर्दा दिखाई दे अपने नगर के थाने में तुरंत सूचना दे सूचना देना वाले को 1000 रूपए  पर महीना टैक्स 
वही आज संध्या  ने बाराबंकी से लखनऊ तक मेट्रो ट्रेन में बिना टिकेट यात्रा की ममता बेनर्जी  की भांजी  होने के कारण उन्हें 5000 रुपये का नगद इनाम दिया गया तथा डालीगंज स्टेशन पर उतरते ही फूल और मालाओ से उनका स्वागत हुआ 
वही आज इरफ़ान के घर में ज्यादा गर्मी पड़ जाने उनके घर में मुर्गिया उबले उबले अंडे  देने  लगी ये नजारा दखने के लिए दूर दूर से लोग आ रहे है जहा इरफ़ान ने इसे  ऊपर  वाले की मेहरबानी कहा और बाबा का चोला पहेनकर  पैसे कमाना शुरू कर दिया उनका कहना है की जहा देखो मौका वहा मारो  चौका 
वही लखनऊ के रेलवे प्लेटफ़ॉर्म से तीन चोर विकास,फूले और दुर्गेश 15 कुंटल सोना लेकर फरार हो गए  उन्हें पकड़ने की कोशिस की जा रही है बताया जा रहा है की ये अच्छे  घर के है लेकिन अपनी अयाशियो  को पूरा करने के लिए चैन इस्नेचिंग,डाका,लूट,किप्नेपिंग  जैसे अपराधो को अंजाम देते है इस गैंग   का मास्टर माइंड  फूले को बताया जा रहा है 
वही आज ऐशबाग की मुकुल हलवाई की दुकान में रखा  एक रसगुल्ला इतनी जोर से फटा कि वहा बैठे 74 आदमी घायल और 30 आदमी जख्मी हो गए मरने वालो की संख्या इतनी है की गिनती नहीं हो सकी केंद्र  सरकार ने इसकी जांच सीबीआई से करने का आश्वासन दिया है और कहा है की दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कारवाही होगी पुलिस को मिले प्राथमिक सबूतों के आधार पर बताया जा रहा है की रसगुल्ले और हलवाई मुकुल के बीच कुछ था रसगुल्ले ने अपनी इज्जत बचने के लिए आत्म हत्या कर ली पुलिस इसकी पुष्टि करके प्रेस कांफ्रेंस करेगी और पूरी जानकारी दी जाएगी 
वही पत्रकारिता विभाग में पढ़ रही धोबी  घाट कि  अंकिता चंद्रा पर जादूगरनी  होने का शक है हमारे सूत्रों से मालुम हुआ है कि वो अपनी गाडी में पेट्रोल नहीं डालती है और उनकी गाडी बिना पेट्रोल के चलती  है वो सिर्फ इतना कहती है कि चल स्कूटी आज तेरी अंकिता कि इज्जत  का सवाल है और वो चलने लगती है वही वो अपने छोटे कद का भी खूब फ़ायदा   उठाती  है  और चौराहो पर स्कूटी के आगे पड़ी खली जगह में बैठ जाती  है और पुलिस वालो के पैरो के बीच से गाड़ी निकाल देती  है UP  पुलिस में इस जादूगरनी को लेकर काफी दहसत है 
और अब खेल कि खबरे -
क्रिकेट - आज लिविव के डीन के घर में हुए MJMC और BJMC के बीच गोल गट्टे  को लकड़पट्टे   में तड़ा तड  मार  प्रतियोगिता में MJMC  ने पहले ओवर में ही 275 रन  बना  दिए  जहा  BJMC  ने टॉस  जीता  और  पहले बल्लेबाजी  की वही   BJMC की  टीम   पहली  बाल  पर  ही आल  आउट  हो  गई कल BJMC की टीम  को एक चांस  और दिया जायेगा  वही चीअर लीडर्स ने भी खिलाडियों का खूब मनोरंजन किया लेकिन खेल  खेल  में तब झोटिम झोटा हो गई जब जिब्रान यानि वैभव भी चीअर  लीडर्स के साथ डांस करने लगा उसका कहना था की मै भी तुममे से ही हू मुझे अपने से अलग मत करो लेकिन किसी भी चीअर लीडर ने उसे तवज्जो नहीं दी वही पास में खड़ी क्रीती गुस्से से तमतमा गई और पूरी साइड स्क्रीन तोड़ दी उनका गुस्सा देखकर  सभी चीअर लीडर्स और खिलाडी अपनी अपनी  जान बचाकर भाग निकले और उन्होंने वैभव यानि जिब्रान के लिए मौत की सजा मुक़र्रर की
और अब मौसम -आज दोपहर के बाद शाम और शाम के बाद रात होगी रात का तापमान 0 डिग्री रहेगा रात में 12:30 बजे सूरज निकलेगा और अब बारिश हम कोई भगवन तो है नहीं और न ही आप के बाप के नौकर जो सारी खबरे ठीक ठीक बता देंगा बारिश  हो भी सकती है और नहीं भी मौसम वैज्ञानिको ने बताया है की सुबह होने से पहले गर्म पानी की छीटे पड़ सकती है ये खबरे आप तक मनहूस मिश्रा ने पहुचाई 
खबरे समाप्त हुई नमस्कार  

Friday, February 18, 2011

गरीब के आंसू

आज  दिन के उजाले में भी अँधेरा  है 
चारो और फैला भ्रस्ताचार   का मेला है
हम चुप है सब देखकर  भी 
क्योकि बोलना इस समाज का रोड़ा है
आज प्याज की कीमत खून से भी ज्यादा है 
गरीब रोज खाता गम का निवाला है 
पीने के लिया पानी नहीं पसीना है 
हर मौसम पतझड़ हर इंसान कमीना है 
अब क्या होली क्या दिवाली 
जेब  में पैसा नहीं गम का खजाना है
आज सपने दखने पर भी जुरमाना है 
यहाँ दो वक़्त की रोटी  नहीं 
उधर शीला और मुन्नी पर फ़िदा जमाना है 
आज आखो से आंसू नहीं खून टपक रहा है 
हर पेट में खाना नहीं इंसान तड़प रहा है 
नेता मूर्तियों को सवारने में लाखो   लगा देते है 
वही गरीब एक वक़्त की रोटी के लिए जान गवा देते है 
ये कैसा समाज ,कैसा देश है  
जहा झोपडी  में रहने वाला इंसान कीड़ा 
और महलो में रहने वाला भगवान है
आज हर गरीब  पूछ रहा एक सवाल है 
क्या कोई हमारे आंसू पोछेगा 
हमारे बच्चो को बर्तन मांजने से रोकेगा  
क्या कभी कोई  आएगा
जो हमारे दिन के उजाले में फैले अँधेरा को हटाएगा  




Thursday, February 17, 2011

वो बचपन की यादे

कितने हँसी थे वो बचपन के दिन 
वो रोज-रोज की शरारते और उसकी डांट
फिर रूठ कर बैठ जाना और माँ का मानना
बारिश की बूंदों के संग खेलना फिर नाव बनाना 
दादी और नानी की कहानिया सुनना और सो जाना 
स्कूल में फर्स्ट आना और गिफ्ट लाना 
हर सर्दी अपना कोट बगल वाले दोस्त को दे देना  
वो सर्दी में गर्मी का एहसास  
वो सर्दी में गर्मी का लिबाज 
वो दोस्तों संग रोज का हंसना 
वही टीचर  के हाथो  रोज  की पिटाई 
वो लंच में दूसरो के खाने का मजा 
वो छुट्टी में भारी बैग की  सजा 
वो शरारत से  भरे  दिन 
वो  कोचिंग टीचर के डर से भरी शाम  
फिर रात में माँ के हाँथ की बनी रोटी 
नींद न आने पर वो माँ की लोरी 
कितने हँसी ते वो बचपन के दिन 
कितने हँसी थे वो बचपन के दिन .........................

Wednesday, February 16, 2011

राम मिलाये जड़ी

लिविव  का  पत्रकारिता  विभाग  जो  पूरे  विश्वविद्यालय  में  ख्याति  प्राप्त  किये   हुए   है   इसके  पीछे  जिनका  सबसे   ज्यादा  योगदान   है   वो  कोई  और  नहीं  बल्कि  हमारे  अपने  गड़ेश  और  महेश  है  इनकी  जोड़ी  को  किसी  कि  नजर  न  लगे  ये  जोड़ी  बिल्कुल  चाँद  और  चाँदनी  कि  तरह  है  ये   अपने  नाम  के  अनरूप  ही  है  महेश  जो  बड़े  है  और  गड़ेश  को  शिक्षा  देते   रहते  है   जिसको  वो  पूरे  तन  मन  से  सुनते   है  और  महेश  जी  कि  आज्ञा  का  पालन  करते  है  जिस  तरह  गड़ेश  भगवान   ने  अपनी माता  कि  आज्ञा  के  लिए   अपनी  गर्दन  तक  कटवा  दी  उसी  तरह  हमारे  गड़ेश  जी  का  कहना  है  कि  प्राड  जाये  पर  वचन  न  जाये  और  वो  महेश  जी  के  आज्ञा  का  पालन  करने   के  लिए  कुछ  भी  कर  सकते  है   जिस  तरह  हिन्दू  धर्म   में  गड़ेश  भगवान कि  पूजा  सर्वप्रथम  होती  है  उसी  तरह  पत्रकारिता  विभाग  में  जाते  ही  सबको  गेट  पर  गड़ेश  जी  के  दरसन  होते  है  और  उनकी आज्ञा  लेकर  ही  क्लास में  प्रवेश  करते  है  ये  गड़ेश  और  महेश  कि  जोड़ी  सिर्फ  दो  लोगो  का  मिलन  नहीं  है  बल्कि  अब  ये  दो  जिस्म  एक  जान  बन  गए  है  जो  एक  दुसरे  के  बगैर  नहीं  रह  सकते हमने अपनी फिल्मो में तो कई बार दोस्ती के  लिए  जीने-मरने  की  कसमे  खाते हुए  देखा   है लकिन साक्षात रूप में पहली बार ऐसा प्यार देखा  जिसे  देखकर  किसी  की  भी  आंखे  भर  जाये  ये   जोड़ी  आने  वाले  वक़्त  में  जय-वीरू,बसंती-धन्नो,सचिन-सहवाग  की  जोड़ी  को  भी  मात  कर  देगी  जहा  महेश  जी  कहते  है  कि  "ये  दोस्ती  हम  नहीं  तोड़ेंगे  छोड़ेंगे  दम  मगर  तेरा  साथ  न  छोड़ेंगे "वही  गड़ेश  जी  कहते  है कि  "कॉलर  को  थोडा  सा  ऊपर  उठाके  सिगरट के  धुएं  का  छल्ला  बनाके  सोंचना  है  क्या  जो  होना  है  होगा  चल पड़े  है  फिकर  यारो  धुए  में  उड़ा  के " हम  कामना  करते  है  कि  ये  जोड़ी  ऐसे  ही  बनी  रहे  और  पत्रकारिता  विभाग  कि  निगेबानी  करती  रहे          

Monday, February 14, 2011

महान फूले

आज आप के सामने वो सक्श है जिसके नाम से पूरा मास कॉम डिपार्टमेंट थर्राता  है वो क्लास में हो तो सन्नाटा पसर जाता है उसके सामने खड़े होने  की हिम्मत कोई नहीं कर सकता इसका नाम ज्योतिराव फुले है  हमारे सूत्रों से मालूम  हुआ है की जो इस सक्श से सुबह पंगा लेता  है वो उसकी सजा रात में देता  है ये सक्श  अमिताब बच्चन का भक्त है और  खुद को सहनशाह समझता है  जो रात में अपना शिकार करता है इसका कहना है अँधेरी रातो में सूनसान राहो पर एक मसीहा निकलता है जिस लोंग फूले कहते है   पुलिस को इसकी तलाश है लेकिन मायावती का करीबी होने का कारण कोई इसपर हाँथ नहीं डाल सकता ये पहले से ऐसा नहीं था मजबूरियो ने इसे  ऐसा बना दिया जब से तेरा नाम आई इस सक्श को सलमान में अपना अक्श दिखा और ये फूले से फूले दादा बन गया  आज ये महान सक्श लिविव   के होस्टल  में निवास करता  है आज कल  इनकी चर्चा इनके  कामो से नहीं बल्कि इनके बालो से हो  रही है लेकिन इनसे सावधान रहने की जरूरत है ये इसकी कोई नई साजिस हो सकती है ये आज कल नए-नए हयेर स्टाइल बनाकर आ रहे है यहाँ तक  की मुकुल श्रीवास्तव जी ने इसकी प्रतिभा को परख लिया और  ये साफ़ कर दिया है ये आत्मघाती दस्ता बनने के काबिल है और वो इस कोसिस ने लग गए है  

Friday, February 11, 2011

लडकियो के आत्याचार

मेरे प्यारे भाइयो,दोस्तों मै जानता हू कि आप बहुत दुखी है आप टूट चुके है लेकिन  आप को दुखी होने  कि जरूरत  नहीं है क्योकि अब ऊपरवाले ने आप सबकी सुन ली है इसीलिए आप सबके  दुखो  के निवारण के लिए  अपना एक दूत भेजा है इस पूरे चराचर में विदमान माननीय,पूजनीय  श्री श्री अर्चित मिश्र जी जिन्होंने आप सभी के के कष्टों  को समझा है और उसके निवारण के लिए  अपने ब्रह्म हस्तो से लिखते हुआ आप सभी के लिए  एक मार्गदर्शक कि भांति कार्य करने का बीड़ा उठाया है उन्होंने साफ़ कर दिया है कि अब पुरुषो पर महिलाओ द्वारा  होने वाले अन्याय और अत्याचार को सहन नहीं किया जाएगा  और सभी को उनका हक़ दिलाया जायेगा
लड़की- एक ऐसी अनसुलझी पहेली जिसे ब्रह्मा से लेकर वाश्वमित्र तक कोई नहीं समझ सका आज दिन पर दिन इनके द्वारा प्रताड़ित किये  गए  पुरुषो कि संख्या लगातार बढती जा रही है जो इनसे बुरी तरह प्रताड़ित है उनमे  श्री सलमान खान जी का भी नाम शामिल है जो आज तक इस लड़की रुपी सदमे से  उबर नहीं पाए है इसिलिया उन्होंने अपनी फिल्म वांटेड  में कहा है कि कुत्ता पाल लेना लकिन लड़की का झाम मत पलना उन्होंने हमें जो मार्ग दिखाया है हमें उसपर चलना चाहिए अगर माननीय,पूज्यनीये श्री श्री अर्चित मिश्र जी की बातो को  माने तो लड़की एक चाइना के मोबाइल कि तरह है जिसकी कोई गायेरन्टी  नहीं होती वो कभी भी फट सकती है अतः इससे दूर रहने की जरूरत है अगर मोबाइल चलाना है तो ब्रांडेड होना चाहिए और उसकी रसीद आपके पास हो यानी आप  सामाजिक लाइसेन्स प्राप्त  कर अपनी खुशहाल जिंदगी को यमराज के हवाले कर दे इस दुनिया में अगर किसी ने कुछ हद तक इस अनसुलझी पहेली को सुलझाने की कोशिस  की है तो उनमे चंद नाम जहन में आते है जैसे- सक्ती कपूर,शेन वार्न,इमरान हाशमी आदि लडकियो से लडको को होने वाले नुक्सान निम्न प्रकार है-
१-मोबाइल का बिल 
२-समाये की बर्बादी 
३-नींद न आना
४-समाज में गिरी हुई नजरो से दखा जाना 
लड़की को अगर थोड़े दूसरे शब्दों में कहे तो वो एक कभी न समाप्त होने वाला समुद्र है जिसमे हम कभी भी रास्ता भटक  सकते है और समुद्री जीवो का शिकार हो सकते है आज तक कोई नहीं जान पाया की आखिर ये लडकिया  चाहती क्या  है  आज वो मिनी स्केर्ट,कैपरी,और भी तरह तरह के दार्सनिक कपडे  पहेनकर ,मेकप  करके सज  सवर कर चलती है और अगर किसी ने उनकी तारीफ कर दी तो उसे स्टुपिड,नोंसेंसे और भी अजीब अजीब तरह की भाषा का प्रयोग  करती है और अगर उनकी तारीफ न करो तो बिचारी पूरे दिन परेशान रहती है की आज मै अच्छी लग रही हू या नहीं आखिर ये चाहती क्या है इस पूरे चराचर में विदमान, माननीय पूज्यनीय  श्री श्री अर्चित मिश्र जी कहते है की दुनिया में भगवान की सबसे खूबसूरत रचना जो उसने बनाई है वो है लड़की लेकिन ऊपर वाले ने हम आम इंसानों को इतनी समझ नहीं दी की हम इन्हें समझ सके लड़की के सामने लड़का बिल्कुल उसी तरह है  जैसे माचिस की डिब्बी में तीली जब तक उसमे मसाला है तब तक सब कुछ ठीक है जैसे ही मसाला जला सब कुछ ख़त्म  हो जाता है और वो दूसरी माचिस जलाने लगती है अर्थात जब तक पैसा है तब तक सब कुछ ठीक है जैसा ही पैसा खत्म हुआ  सब कुछ ख़त्म हो जाता है 
ऐसा नहीं  की सभी लडकिया एक जैसी होती है लाखो में कुछ अच्छी  भी निकल जाती है जैसे माननीय श्री मल्लिका सेहरावत,कंगना रनावत जी हमें इनके गुरु श्री इमरान हाशमी जी की हमें  बहुत इज्जत करनी चाहिए जिन्होंने ऐसी होनहार शिस्याओ  को बनाया है अगर हिंदुस्तान में किसी ने प्यार करना सिखाया है तो वो हासमी जी ही है
इस पूरे चराचर में विदमान माननीय, पूज्यनीय श्री श्री अर्चित मिश्र जी कहते है कि  लड़की उस खटमल कि तरह है जो खून चूसने के लिए ही बनी है उसी तरह जब तक आप के पास खून रुपी धन है तब तक आपको चूसती ही रहेंगी इस पूरे चराचर में विदमान माननीय, पूज्यनीय  श्री श्री अर्चित मिश्र जी कहते है कि गलतिया इंसान से ही होती है   सभी लडकिया एक जैसी नहीं होती उन्होंने उनको सुधरने  का एक मौका दिया है उनका कहना है कि लडकिया दोहरे मापदंड न अपनाये  और दूसरो  कि भावनाओ का सम्मान करे और किसी का दिल न तोड़े और पश्चाताप करे इसके लिए  वो लडको के मोबाइल रीचार्ज कराये उन्हें घुमाने ले जाये अगर वो लडको कि बाइक से जाती है तो उसमे पेट्रोल दलाये हर हफ्ते एक पिक्चर दिखाए जिसका टिकेट व स्वयं ले और घर तक छोड़ने  जाये लकिन इस बात का ध्यान  रखे कि लड़के कि इज्जत समाज में न उछले लड़के को छोड़ते वक़्त जादू कि झप्पी देना  न भूले वरना आप के द्वारा किया गया सारा पुण्य व्यर्थ हो जाएगा इस पूरे चराचर में विदमान माननीय,पूज्यनीय  श्री श्री अर्चित मिश्र जी ने कहते  है कि लडकियो को आज लडको के प्रति भेद-भाव,छुआ-छूत जैसी खामिओ से परे हटकर व्यवहार करना चाहिए हमारे बाबू मोशाये यांनी राजेश खन्ना जी ने अपनी फिल्म कटी  पतंग में कहा है कि "कुछ तो लोग कहेंगे लोगो का काम है कहना छोड़ो बेकार  कि बातो में कही बीत न  जाये  रैना " लडकियो को इन पंक्तियो को ध्यान  में रखकर आगे बढ़ना चाहिए  अगर इस दुनिया में लड़की रुपी अनसुलझी पहेली को कोई सुलझा सकता है तो वो खुद लड़की ही है बस एक बार कोशिस करके दखने कि जरूरत है मै जानता हू कि ये इतना आसान नहीं  है लकिन विश्वास मानो तुम एक कदम बढाओ हम सभी लड़के आप के साथ है        
   

2011 में महाकुम्भ

 2011 में पड़ने वाला ये महाकुम्भ गंगा के किनारे नहीं बल्कि 22  यार्ड कि पिच पर होने वाला है जिसका इन्तेजार पूरी दुनिया कर रही है खास  तौर से हिंदुस्तान और उसके महाद्वीप  ये महाकुम्भ इस बार हिन्दुस्तान में पड़ रहा है जिसमे दुनिया की बहेतरीन  टीमे  भाग ले रही है सभी कि जुबान पर  एक ही सवाल है  कि क्या हिन्दुस्तान इस महाकुम्भ  को जीत पायेगा क्या 1983 का  इतिहास फिर से दोहराया जायेगा इसके लिए  अभी कुछ इन्तेजार करना होगा ये महाकुम्भ 19 फेबररी से शुरू हो रहा है  इस महाकुम्भ में कई नई टीमे भी होंगी जैसे कनाडा,आयरलैंड,केन्या,नीदरलैंड हिन्दुस्तानी महाद्वीप के लोग इस महाकुम्भ से काफी खुस है और हिन्दुस्तान को जीतते हुआ देखना  चाहते है इस मह्कुम्भ में सबकी नजर मास्टर ब्लास्टर सचिन पर होंगी शायद ये उनका आखरी वर्डकप हो  और वो भी  अपना वर्ल्डकप जीतने का सपना जरूर पूरा  करना चाहते होंगे

जब पहली बार 1975  में वर्ल्डकप हुआ तब सिर्फ दुनिया की कुछ चुनिन्दा टीमे ही थी इस वर्ल्डकप में वेस्ट-इंडीज  और ऑस्ट्रेलिया के बीच फ़ाइनल  हुआ जिसमे वेस्ट-इंडीज   ने बाजी   मार ली और ऑस्ट्रेलिया को हरा दिया 
इसके  बाद फिर 1979  में वर्ल्डकप हुआ और फिर वेस्ट-इंडीज  और ऑस्ट्रेलिया फ़ाइनल में पहुचे लकिन इस बार फिर ऑस्ट्रेलिया को मुह की खानी पड़ी और वेस्ट-इंडीज फिर से जीत गया 
ये समय वेस्ट-इंडीज की बादसाहत  का था  सन 1975  से 1983 तक इस टीम ने क्रिकेट जगत में तहलका मचा दिया 
तभी 1983 का वर्ल्डकप आया और  दो बार से पहले राऊंड  से बाहर होने वाली हिन्दुस्तानी टीम फ़ाइनल में पहुच गई और वेस्ट-इंडीज और हिन्दुस्तान का फ़ाइनल हुआ हिन्दुस्तान ने केवल  183 रन बनाये लकिन वेस्ट-इंडीज  को 140  रन पर आल आउट कर दिया और दुनिया में वेस्ट-इंडीज  की बादसाहत को खत्म कर दिया  
लेकिन इसके  बाद कभी   भी हिन्दुस्तान वर्ल्ड कप नहीं जीत सकी   है 1987 में ऑस्ट्रेलिया,1992 में पकिस्तान,1996 में श्रीलंका,1999 में ऑस्ट्रेलिया,2003 में  ऑस्ट्रेलिया,2007 में  फिर से ऑस्ट्रेलिया ने वर्ल्डकप जीता  हलाकि  इस बीच 2003 में हिन्दुस्तान फ़ाइनल  में पहुच गया लेकिन उसे   ऑस्ट्रेलिया ने हरा दिया करीब  एक दसक  तक ऑस्ट्रेलिया ने क्रिकेट  जगत पर राज किया  है और क्रिकेट पंडित कहते  है की  इस बादसाहत  को सिर्फ हिन्दुस्तान ही ख़त्म  कर सकता    है करीब 4  साल  में ऑस्ट्रेलिया काफी कमजोर   हो गया है उसके  ज्यादातर बड़े प्लेयर  रिटायर  हो गए  है  और इस वर्ल्ड कप में सभी हिंदुस्तान पर दांव  लगा रहे है   इसकी सबसे बड़ी वजह सचिन है  जो  इस समय जिस फॉर्म में है वो शायद उनके कैरीअर का गोल्डेन टाइम है उसके साथ धोनी की किस्मत और युवा चेहरो का जोश इस टीम को बाकि टीमो से अलग करता है अब सभी को उस पल का इन्तेजार  है जब वर्ल्ड कप शुरू होगा   
  
  
    

Thursday, February 10, 2011

वो काली रात

आज भी जब उस काली  रात के बारे में सोचता हू तो रूह थर्राने लगती है वो काली  घनी रात दूर-दूर तक चीखता हुआ सन्नाटा जो किसी के भी रोंगटे  खड़े कर दे काली  घनी अमावस कि रात सिर्फ दो लोग सूनसान सड़क चारो ओर सिर्फ अँधेरा अगर कही रौशनी थी तो वो गाडी  कि हेडलाइट से निकल रही थी डर क्या होता है शायद पहली बार महसूस हुआ हमारी गाड़ी चलती जा रही थी लकिन अंधेरा ख़त्म होने  का नाम नहीं ले रहा रास्ता और लाम्बा होता जा रहा था लगभग 5 मिनट हो गए थे और डर भी बढ़ता जा रहा था मै गाडी चला रहा था मेरा एक दोस्त पीछे बैठा  था जो इतना दर गया कि भगवन का नाम लेने  लगा  मैंने उससे कहा कि डर मत  हम जल्द ही पहुच जाएँगे अभी शायद ये कम था कि हमें वो दिखा जिसकी हमने कभी कल्पना भी नहीं कि थी हमारी गाड़ी अचानक  रूक गई हमें कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था  दरअसल हम जिस  सड़क पर हम  चल रहे थे वो शमसान कि सड़क थी वहा लासे  जलाई जाती थी हमारी आखे फटी रह गई क्योकि हम जो देख  रहे थे वो इससे पहले सिर्फ सुना या टीवी में देखा  था  वहा कुछ आदमी एक अधजली लाश को खा रहे थे वो अघोरी थे जिन्होंने केवल काली लुंगी और कई ताबीज पहने हुए  थे मेरा दोस्त इतना डर गया कि उसका मुह से आवाज निकलना बंद हो गई  मुझे भी लगा कि हमें यहाँ से जल्द ही निकना होगा मैंने गाड़ी स्टार्ट की और दोस्त से बोला कि कुछ नहीं होगा डर मत बैठ हम चलने लगे करीब 5 मिनट के बाद हमें कुछ रौशनी दिखाई दी तब हमारी जान में जान आई मैंने दोस्त को घर तक छोड़ा इस बीच हमारी कोई भी बात नहीं हुई  मै उस रात  घर काफी देर  से पंहुचा और लेट गया मुझे पूरी रात नींद नहीं आई मुझे उन अघोरियो  कि तस्वीर पूरी रात दिखाई देती  रही मै अगले दिन सुबह जल्दी उठ गया और पूजा पाठ करने लगा जिससे मुझे सुकून मिला तभी मेरा दोस्त मेरा घर आ गया और कहने लगा कि मुझे डर नहीं लगता हम हँसे और फिर से अपनी जिन्दगी कि जदोजहद में लग गए 
और शायद बिना बोले ये कहने लगे की अब कभी उधर नहीं जाएंगे       

ख्वाब

काश कोई हमारे लिए होती
जो कुछ सहमी होती
जिसकी सांसो में गर्माहट होती
जिसकी पलके झुकी होती
जो हलके से मुस्कुराती फिर शर्माती
और वरमाला लेकर आती
मै उसके नैनो से घायल होता
उसमे ऐसी अदा होती
काश कोई हमारे लिए होती

Monday, February 7, 2011

शिक्षा के मंदिर में लगा पुस्तक मेला

 5 फेबररी से लखनऊ विस्वविद्याले  के परिसर में आयोजित पुस्तक मेला अपने तीसरे दिन भी पूरे शबाब पर रहा जो 11 फेबररी तक चलेगा यहाँ लगभग सभी स्टॉलो पर भीड़ देखी  जा रही है पहले दिन कि अपेछा सभी स्टॉल मालिको ने अपने-अपने स्टॉल पूरी  तरह  व्यवस्थित कर लिए  है इस पुस्तक मेले में तकरीबन 100 स्टॉल लगे है जिनमे  बच्चो,जवान,बड़े-बुजुर्गो आदि सभी लोगो के लिए पुस्तके मौजूद है स्टॉल मालिक इस रौनक  से काफी खुस है उनका कहना है कि पहले के पुस्तक मेलो कि अपेछा यहाँ पर ज्यादा लोग आ रहे है और बिक्री भी ज्यादा हो रही है केवल दो ही दिनों में लाखो की पुस्तके  बिक गई है वही कई स्टॉल मालिको को दोबारा से पुस्तके मंगवानी पड़ रही है सभी स्टॉल मालिक परिसर  कि व्यवस्था से काफी खुश  है  इस पुस्तक मेले  में कई स्टॉल तो केवल बच्चो के लिए ही बनाए गए  है जहाँ कॉमिक्स से लेकर चुटकुलों तक की सभी  पुस्तके मौजूद   है वही बच्चो के लिए  कहानी की भी कई पुस्तके मेले  में मौजूद है लेकिन इन पुस्तकों को बच्चे  ही नहीं बल्कि बड़े भी काफी रूचि से पढ़ रहे है और अपने बचपन की यादो  में खो जा रहे है पुस्तक मेले में आए नितिन जी कहते है की मै इस पुस्तक मेले में अपने लिए कुछ फैशन से जुडी किताबे लेन आया था लेकिन इन किताबो को दखकर मै अपने बचपन में खो गया और यहाँ से कई पुस्तके ले जा रहा हू वही कई स्टॉलो में सेहत  के शौकीन  लोगो के लिए भी कई पुस्तके मौजूद है जिनमे बॉडी बिल्डिंग से लेकर योग तक कई पुस्तके मौजूद है यहाँ कई स्टॉलो पर तो  केवल सेहत से जुडी पुस्तके ही मिल रही है जैसे  गुड हेल्थ बुक सेंटर जिसमे अर्नोल्ड से लेकर बाबा रामदेव पर लिखी कई पुस्तके मौजूद है इस स्टॉल में कसरत करने वाले नौजवानों के लिए खाने से लेकर बॉडी बनाने के नुश्खो की कई पुस्तके मौजूद है  वही यहाँ महिलाओ का भी खास ध्यान  रखा गया है यहाँ कई स्टॉल महिलाओ को अपनी ओर आकर्षित कर रहे है जिनमे गृह्सोभा से लेकर खाना बनाने के तरीको तक यहाँ तक की सास और बहु पर भी कई पुस्तके मौजूद है वही इस पुस्तक मेले  में दलितों पर लिखी पुस्तकों पर भी काफी जोर दिया गया है यहाँ दलित पुस्तकों के लिए  कई स्टॉल लगे है जहा  सम्यक प्रकाशन जिसमे ज्यादातर पुस्तके दलितों पर ही मिलती है यहाँ पर बाबा साहब आंबेडकर,मायावती,माता प्रशाद आदि पर लिखी कई पुस्तके मौजूद है वही उर्दू प्रेमिओ के लिए भी कई स्टॉल लगे है जिनमे मध्य प्रदेश उर्दू अकादमी ,अल मुस्तफा पुब्लिकेसन शामिल है जिनमे दश ही नहीं विदेश  की भी कई पुस्तके शामिल है यहाँ पर कुरान कई भाषाओ में पुस्तके मौजूद है साथ ही साथ उर्दू की कई किताबे भी मौजूद है इसका अलावा आध्यात्म,मीडिया,प्रेमचंद्र,कबीर,तुलसी,वेद,रामायण,गीता सभी मौजूद है ये पुस्तक मेला पढने के शौकीन लोगो  के लिए  किसी जन्नत से कम  नहीं है ऐसा नहीं कि यहाँ केवल पुस्तके ही है बल्कि  आयुर्वेद से जुडी चीजे भी मौजूद है यहाँ पर एक स्टॉल आयुर्वेद का भी है जिसमे आँखों और चेहरे के लिए अलुवीरा से बने आई  पैक और फेस पैक 100  रूपए  में मौजूद है जिससे  काला पन, आँखों की थकावट दूर हो  जाती है इस स्टॉल में खासी भीड़ दखी  जा रही है जहा आयुर्वेद के इलाज पर लोग विश्वास दिखा रहे है 

 वही मेले में बना टोएलेट  भी लोगो  के आकर्षण का कन्द्र बना हुआ है पुस्तक मेले में आये  काफी लोगो ने इसका आनंद उठाया लकड़ी का बना ये टोएलेट लोगो को काफी  भा रहा है

इस भव्य पुस्तक मेले में एक शक्श ने अचानक ही सबका ध्यान आकर्षित कर लिया जो भगवा वस्त्र पहने हुए  है और  एक पुस्तक पढ़ रहा  है  मुझे लगा की ये आद्यात्म से जुडी कोई पुस्तक पढ़ रहा होगा  लकिन जब उस पुस्तक पर नजर गई तो दखा की ये पुस्तक आध्यात्म  की नहीं बल्कि सेक्स क्या है समझे है मै आश्चर्यचकित रह गया  मैंने उनसे पुछा तो उन्होंने अपना नाम स्वामी कल्याण देव बताया जो फ़ैजाबाद से आये हुए  है  उनसे ये पूछने पर की आप इस तरह की पुस्तक क्यों पढ़ रहे है उनका कहना था की  इसमें क्या खराबी है और आश्चर्य तब हुआ जब पता चला की अमर स्वामी प्रकाशन विभाग का स्टॉल उनके शिष्यों का है उसके बाद उन्हें भगवा वस्त्रो का लिहाज आया तो  उन्होंने ऋग्वेद की पुस्तक उठा ली  


मेले के  स्टॉल  मालिको का कहना है कि मेले से काफी पुस्तके गायब हो जाती है और यहाँ सुरक्षा कि द्रस्ट से पुख्ता इन्तेजाम  कुछ कम है जहा पुस्तक मेले में आने और जाने के लिया केवल एक ही द्वार  रखा गया है जो किसी भी अनहोनी  को बड़े हादसे में बदल सकती है यहाँ कोई भी आपदा द्वार नहीं है

Thursday, February 3, 2011

आज दुनिया के शोर में तू  कहा खो गया
सब चल दिए  तू  कहा सो गया
उठ अब चल अपनी रह पकड़
क्योकि तू अब सो गया तो समझ सब खो गया
दुनिया का दस्तूर समझ उसके  साथ चल
जो आग दिखे तो उसको शमा समझ
जो सैलाब दिखे तो उसको दरिया समझ
क्योकि दुनिया में सिर्फ आशिक ही टिक सकता है
बाकि सब कभी भी बिक सकता है