आज भी जब उस काली रात के बारे में सोचता हू तो रूह थर्राने लगती है वो काली घनी रात दूर-दूर तक चीखता हुआ सन्नाटा जो किसी के भी रोंगटे खड़े कर दे काली घनी अमावस कि रात सिर्फ दो लोग सूनसान सड़क चारो ओर सिर्फ अँधेरा अगर कही रौशनी थी तो वो गाडी कि हेडलाइट से निकल रही थी डर क्या होता है शायद पहली बार महसूस हुआ हमारी गाड़ी चलती जा रही थी लकिन अंधेरा ख़त्म होने का नाम नहीं ले रहा रास्ता और लाम्बा होता जा रहा था लगभग 5 मिनट हो गए थे और डर भी बढ़ता जा रहा था मै गाडी चला रहा था मेरा एक दोस्त पीछे बैठा था जो इतना दर गया कि भगवन का नाम लेने लगा मैंने उससे कहा कि डर मत हम जल्द ही पहुच जाएँगे अभी शायद ये कम था कि हमें वो दिखा जिसकी हमने कभी कल्पना भी नहीं कि थी हमारी गाड़ी अचानक रूक गई हमें कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था दरअसल हम जिस सड़क पर हम चल रहे थे वो शमसान कि सड़क थी वहा लासे जलाई जाती थी हमारी आखे फटी रह गई क्योकि हम जो देख रहे थे वो इससे पहले सिर्फ सुना या टीवी में देखा था वहा कुछ आदमी एक अधजली लाश को खा रहे थे वो अघोरी थे जिन्होंने केवल काली लुंगी और कई ताबीज पहने हुए थे मेरा दोस्त इतना डर गया कि उसका मुह से आवाज निकलना बंद हो गई मुझे भी लगा कि हमें यहाँ से जल्द ही निकना होगा मैंने गाड़ी स्टार्ट की और दोस्त से बोला कि कुछ नहीं होगा डर मत बैठ हम चलने लगे करीब 5 मिनट के बाद हमें कुछ रौशनी दिखाई दी तब हमारी जान में जान आई मैंने दोस्त को घर तक छोड़ा इस बीच हमारी कोई भी बात नहीं हुई मै उस रात घर काफी देर से पंहुचा और लेट गया मुझे पूरी रात नींद नहीं आई मुझे उन अघोरियो कि तस्वीर पूरी रात दिखाई देती रही मै अगले दिन सुबह जल्दी उठ गया और पूजा पाठ करने लगा जिससे मुझे सुकून मिला तभी मेरा दोस्त मेरा घर आ गया और कहने लगा कि मुझे डर नहीं लगता हम हँसे और फिर से अपनी जिन्दगी कि जदोजहद में लग गए
और शायद बिना बोले ये कहने लगे की अब कभी उधर नहीं जाएंगे
और शायद बिना बोले ये कहने लगे की अब कभी उधर नहीं जाएंगे
अर्चित बढ़िया प्रस्तुतीकरण ये बात हुई कुछ बढ़िया और लिखो अपने बारे में अपने सपनों के बारे में लिखो लिखो और लिखो
ReplyDeleteyou rock!!!!!!!!!!!!! before posting just read your blog......
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